Thursday , December 12 2024
Breaking News

जिलानी ने लगाया BJP और RSS पर गंभीर आरोप, कहा- मुस्लिम महिलाओं को निकाह-हलाला को मानना ही होगा

Share this

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को आज बखूबी आड़े हाथों लेतें हुए कहा कि दोनों मिलकर शरियत कोर्ट के नाम पर राजनीति करने में लगे हैं।

दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले पर दिल्ली में बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जफरयाब जिलानी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस शरियत कोर्टों के नाम पर राजनीति कर रही है। बैठक में 10 दारुल कजा यानि शरिया कोर्ट के प्रस्ताव आए थे, जिन्हें बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही इनका गठन किया जाएगा।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बोर्ड पूरी ज़िम्मेदारी के साथ काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि शरियत बोर्ड कोर्ट नहीं है। जागरूकता फैलाने के लिए देश भर में वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। हमे 10 जगह शरिया कोर्ट बनाने के प्रस्ताव मिले हैं और जल्द ही तीन जगह शरिया कोर्ट गठित किए जाएंगे।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली में शरिया क्लासेज भी लगाई जाएंगी, जिसके जरिए मुसलमानों को इस्लामिक कानून के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शरिया कोर्ट समानांतर कोर्ट नहीं है। इस मसले पर मीडिया बेवजह बवाल किया जा रहा है।

जफरयाब जिलानी ने हर जिले में दारुल कजा का गठन करने की बात को नकारते हुए कहा कि हमने कभी भी देश के हर जिले में इसके गठन की बात नहीं की। उन्होंने कहा कि जहां शरिया कोर्ट की जरूरत है, वहां इसके गठन पर विचार किया जा रहा है और जहां के लोगों ऐसी मांग की है।

जफरयाब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चर्चा का विषय बने निकाह-हलाला के मामले पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड निकाह-हलाला का समर्थन करता है और अभी कुछ नहीं बदला जा सकता है।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मुस्लिम महिलाओं को इसे मानना ही होगा। हालांकि, बोर्ड की तरफ से ये भी कहा गया है कि निकाह हलाला की जो प्रैक्टिस देखने को मिलती  है, वो शरिया के मुताबिक नहीं है।

Share this
Translate »