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दारुल उलूम का फतवा, ‘वैक्सिंग और शेविंग कराना शरिया के खिलाफ’

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सहारनपुर! फतवो की नगरी दारुल उलूम देवबंद से आये दिन अजीबो-गरीब फतवे जारी हो रहे है. कभी महिलाओं के फैंसी बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाईं जाती है, तो कभी गैर मर्दों से चूड़ी पहनने और मेहंदी लगवाने को इस्लाम में नाजायज बताया जाता है. इस बार महिलाओं को वैक्स और शेविंग करने पर फतवा जारी किया गया है.

दारुल उलूम के इफ्ता विभाग ने अजीबो-गरीब फतवा जारी कर सबको चौंका दिया है. दारुल उलूम ने महिलाओं को वैक्स और शेविंग करने पर फतवा जारी किया है. फतवे में मुफ्ती-ए-कराम ने वैक्स और सेविंग करने को इस्लाम मजहब में नाजायज और शरीयत में हराम करार नहीं दिया है. उलेमाओं ने मुस्लिम महिलाओं को इससे परहेज करने की हिदायत दी है.

महिला और पुरुषों का वैक्स या ब्लेड से शेविंग कर हाथ पांव के अलावा जिस्म के दूसरे हिस्सों को खूबसूरत दर्शाना आम बात हो चुकी है. लेकिन विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद ने पूछे गए एक सवाल के जवाब में ऐसा करने को अदब के खिलाफ बताया है.

कस्बे के मोहल्ला बड़जियाउल हक निवासी अब्दुल अजीज नामक व्यक्ति ने दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से लिखित सवाल कर पूछा था कि औरत और मर्द का हाथ-पांव और बदन के अन्य हिस्सों पर मौजूद बालों को ब्लेड से शेविंग या वैक्स कराना इस्लाम में कितना सही है ? वैक्स करने से बाल अच्छी तरह साफ हो जाते हैं और उगते भी देर से हैं.

क्या इस्लाम में इसकी इजाजत है? पूछे गए सवाल के जवाब देते हुए दारुल उलूम ​​के मुफ्तियों की खंडपीठ ने कहा है कि शरीयत इस्लाम में नाफ (नाभी) के नीचे के बाल, बगल के बाल और मूछों के बाल साफ करने की इजाजत है. इसके अलावा बदन के और हिस्सों के बाल शैव या वैक्स करते हुए साफ करना खिलाफे अदब है.

मजलिस इत्तिहाद ए मिल्लत के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती अहमद गोड़ ने कहा कि दारुल उलूम ने जो फतवा जारी किया है उसमे औरत या मर्द की कैद नहीं रखी है. उन्होंने कहा कि फतवे में अनचाहे बालों को हटाने को जायज या नाजायज नहीं बल्कि अदब के खिलाफ बताया गया है.

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