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UP पुलिस सिपाही भर्ती 2018: परीक्षा रद्द होने से लाखों अभ्यर्थियों को देना होगा दोबारा पेपर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए एक बुरी खबर है क्योंकि हाल ही में हुई इस परीक्षा की दूसरी पाली की परीक्षा निरस्त कर दिये जाने के चलते अब तकरीबन  12 लाख अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा देनी होगी।

गौरतलब है कि दो परीक्षा केंद्रों की लापरवाही के कारण सिपाही भर्ती 2018 के लिए 18 और 19 जून को हुई द्वितीय पारी की आफलाइन परीक्षा निरस्त कर दी गई है। दोनों केंद्रों पर ड्यूटी के लिए लगाए गए सभी कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। साथ ही इन केंद्रों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।

वहीं इस बाबत आज प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि परीक्षा के दो-तीन दिन बाद कुछ स्थानों से सूचना मिली थी कि 18 और 19 जून को आयोजित परीक्षा की दोनों पारियों में जो प्रश्नपत्र दिए गए उसमें अंतर नहीं था। बोर्ड ने इस बारे में परीक्षा कराने वाली एजेंसी टीसीएस से जवाब मांगा। टीसीएस की ओर से पहले इस तरह की बात से इंकार किया गया लेकिन विस्तृत जांच की गई तो शिकायत को सही पाया गया।

बताया जाता है कि टीसीएस ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज और रिटर्न सील बंद आंसर शीट की जांच की तो पता चला कि 18 जून को इलाहाबाद के गुरू माधव प्रसाद शुक्ला इंटर कालेज में प्रथम पारी में द्वितीय पारी का प्रश्नपत्र वितरित कर दिया गया और द्वितीय पारी में प्रथम पारी का प्रश्नपत्र बांट दिया गया।

इतना ही नही बल्कि ठीक ऐसा ही 19 जून को एटा के पीपीएस कालेज में हुआ, जहां पहली पारी में द्वितीय पारी का और द्वितीय पारी में पहली पारी का प्रश्नपत्र बांट दिया गया। रिपोर्ट मिलने के बाद भर्ती बोर्ड के अनु सचिव ने इसकी जांच को जिसमें तथ्य सही पाए गए। अरविंद कुमार ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए 18 और 19 जून को दूसरी पारी में हुई परीक्षा को निरस्त कर दोबारा कराए जाने का निर्णय लिया गया है।

वहीं इसके साथ ही इस बाबत उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन जीपी शर्मा ने बताया कि इलाहाबाद और एटा के उक्त दोनों परीक्षा केंद्रों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। दोनों परीक्षा केंद्रों पर तैनात किए गए टीसीएस, केंद्र व्यवस्थापक और भर्ती बोर्ड के ओर से तैनात किए गए कर्मियों व विजिलेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।

उन्होंने ये भी बताया कि परीक्षा से पहली निर्देश पुस्तिका सभी केंद्रों को दी गई थी, जिसमें कौन सा बाक्स कब खोलना है, इसके बारे में विस्तार से बताया गया था। साथ ही इसकी ट्रेनिंग भी दी गई थी। निर्देश पुस्तिका में यह भी यह भी स्पष्ट किया गया था कि इसके बाद भी अगर कोई गलती करता है तो उसे आपराधिक कृत्य माना जाएगा। भर्ती बोर्ड ने भविष्य में इन केंद्रों पर परीक्षा न कराए जाने की सिफारिश की है साथ ही सरकार को भी लिखा है कि इन केंद्रों पर अन्य कोई परीक्षा भी न कराई जाए।

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