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आपबीती: देवरिया काण्ड में वीकेन्ड का खौफनाक सच सामने आया, शेल्टर होम में किस-किस तरह से गया सताया

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लखनऊ। देवरिया के घिनौने काण्ड की परत-दर-परत जो सच सामने आते जा रहे हैं वो एक तरह से साफ तौर पर ये जता रहे हैं कि वहां जारी काम किस कदर खौफनाक और वहशियाना होते थे जिसके चलते आज तलक उसके भुक्त भोगी सदमें से उबर नही पा रहे हैं। जी! ये वो घिनौनी सच्चाई है जो अब सामने आई है कि उक्त बालिका गृह में हफ्ते के आखिरी दिन को लेकर वहां की बालिकाओं के मन में कितना खौफ बना रहता था।

गौरतलब है कि प्रदेश के जनपद देवरिया में जिस तरह से शेल्टर होम की आड़ में  गिरिजा त्रिपाठी अपने पति और दो बेटियों के साथ देह व्यापार का धंधा चलाया करती थी।  इसके लिए वह खौफ को बच्चियों के खिलाफ इस्तेमाल किया करती थी। दरअसल  शेल्टर होम में रह चुकी 15 साल की लड़की ने पुलिस और काउंसलर को बताया कि वह पूरे हफ्तेभर डरी रहती थी क्योंकि सप्ताह के अंत में उसे जबरन एक अनजान शख्स के साथ भेज दिया जाता था जो उसका यौन शोषण करता था।

इतना ही नही बुरी तरह से अब तक डरी हुई बच्ची ने मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह की संचालिका  गिरिजा त्रिपाठी  पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी बात ना मानने पर उसे यातनाएं दी जाती थीं। उक्त किशोरी ने रोते हुए काउंसलर्स को बताया कि कैसे उसे लग्जरी कारों में अलग-अलग शख्स के पास हर हफ्ते भेजा जाता था। जो उसे देवरिया रेलवे स्टेशन के पास स्थित होम पर लेने के लिए आया करता था।

इतना ही नही इस बाबत जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया, हालांकि ‘लड़की उन लोगों को नहीं जानती जिनके पास उन्हें भेजा जाता था लेकिन उनके वाहन और उन्हें मिलने वाले सम्मान से लगता है कि वह बड़े अधिकारी हो सकते हैं।’ लड़की ने आरोप लगाया कि बड़ी मैडम (गिरिजा त्रिपाठी) उसे अलग-अलग लोगों के पास भेजा करते थे जो उसका शारीरिक शोषण करते थे। उनमें से कुछ नियमित तौर पर उसे वीकेंड पर बुलाया करते थे।

इसके साथ ही उक्त किशोरी ने काउंसलर्स को बताया कि वह आदमी उसे रातभर अपने पास रखता और फिर दूसरी सुबह शेल्टर होम वापस भेज देता था। उसने दावा किया कि जब कोई उसे लेने के लिए आता था तो गिरिजा उसे शेल्टर होम के पीछे के दरवाजे से भेजा करती थी। उसने बताया कि बात ना मानने पर उसे शारीरिक यातनाएं दी जाती थीं। जब कोई रास्ता नहीं बचा तो उसने गिरिजा की बात माननी शुरू कर दी क्योंकि उसका मानना था कि उसकी पहुंच बड़ी है।

बताया जाता है कि फिर क्या था, ‘जब उसने बात माननी शुरू कर दी तो गिरिजा उसके साथ अच्छा व्यवहार करती थी।’ काउंसलर्स में से एक ने बताया कि लड़कियों की आंखों में खौफ उस साफ समय देखा जा सकता है जब वह अवैध रूप से चलाए जा रहे शेल्टर होम में बिताए अपने भयावह दिनों के बारे में बात करती हैं। पुलिस अधिकारियों और काउंसलर्स से बात करते समय वह कांप रही थी जबकि वह वहां केवल तीन महीने रही। वह बड़ी मैडम (गिरिजा त्रिपाठी) और छोटी मैडम (गिरिजा की छोटी बेटी कंचन लता त्रिपाठी) के खिलाफ बोलते समय काफी डर रही थी। काउंसलर्स ने कहा, ‘बचाई गईं लड़कियां अभी भी दहशत में हैं। उन्हें शोषण के बारे में खुलकर बताने में अभी कुछ और दिन लगेंगे।’

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