नई दिल्ली. पासपोर्ट काफी जरूरी कागजात है. सरकार इसे बनवाने की प्रक्रिया को आसान बना रही है. लिहाजा, विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट नियमों में कई बड़े बदलाव किये हैं. अभी तक मंत्रालय ने पासपोर्ट बनवाने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर रखा था. अब यह अनिवार्य नहीं होगी. बता दें कि अब शादीशुदा और तलाकशुदा लोगों के लिए भी नियमों में बदलाव किया गया है.
पासपोर्ट बनवाने के लिए अभी तक 26 जनवरी, 1989 या उसके बाद जन्म लिए लोगों के लिए बर्थ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य था. लेकिन अब नगर निगम के रजिस्ट्रार, जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार के साथ किसी भी सर्टिफाइड अथॉरिटी से बनवाया गया बर्थ सर्टिफिकेट मान्य होगा. किसी एकेडमिक बोर्ड की तरफ से जारी किया गया ट्रांसफर या स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट भी पूरी तरह से मान्य होगा. इसके साथ ही दूसरे कागजात जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड या ई-आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड भी मान्य होंगे.
अब पासपोर्ट के लिए माता-पिता का विवरण देना आवश्यक नहीं है. इसकी जगह आप अभिभावक या लीगल गार्जियन का नाम भी दे सकते हैं. इसमें कोई साधु-संत अपने आध्यात्मिक गुरू का नाम भी दे सकते हैं.
पासपोर्ट फॉर्म में कॉलम की संख्या को 15 से घटाकर 9 कर दिया है. पहले सभी कॉलम एक नोटरी/ कार्यकारी मजिस्ट्रेट/ फस्र्ट क्लास न्यायिक मजिस्ट्रेट से सत्यापन (अटेस्टेशन) करना होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब आवेदक एक ब्लैंक पेपर पर सेल्फ डिक्लेरेशन दे सकता है.
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