Friday , April 26 2024
Breaking News

पार्टी और कुनबे में आपसी तनातनी, पार्टी के लिए अस्तित्व का संकट बनी

Share this
  • समाजवादी पार्टी अभी भी अपनी कलह से उबर नही पाई
  • नेता द्वारा अपने समस्त 21 पदाधिकारियों समेत इस्तीफा
  • कहा कि सपा में कुछ लोग आरएसएस के लिए काम कर रहे

लखनऊ। एक तरफ लगभग सभी राजनीतिक दल आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं वहीं हाल के यूपी विधानसभा के चुनाव में अपने कुनबे की कलह के चलते करारी हार का मुंह देखने वाली समाजवादी पार्टी अभी भी अपनी कलह से उबर नही पाई है पार्टी और कुनबे में आपसी तनातनी पार्टी के लिए अस्तित्व का संकट बनी है।

गौरतलब है कि अखिलेश के द्वारा पार्टी को मजबूत करने की कवायदें जोरों से जारी हैं लेकिन इस सबके बीच पार्टी को एक और तगड़ा झटका तब लग गया जब  पार्टी की एक नेता द्वारा अपने समस्त 21 पदाधिकारियों समेत इस्तीफा सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेज दिये जाने का दावा किया गया है। जिसके बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के मुरादाबाद जनपद में सपा की महिला सभा की जिलाध्यक्ष राजेश कुमारी यादव ने अपना इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नही उन्होंने अपने साथ-साथ 21 अन्य सपा पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफ़ा पार्टी नेतृत्व भेजे जाने का दावा किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि पार्टी के अंदर कुछ गद्दार आ चुके हैं।
सबसे अहम और गंभीर बात यह है कि इस्तीफा देने वाली इस नेता ने कहा कि सपा में कुछ लोग आरएसएस के लिए काम कर रहे हैं। यही कारण है कि हम लोग अपना इस्तीफा दे रहे हैं। वहीं फिलहाल इन इस्तीफों पर सपा जिलाध्यक्ष राजीव सिंघल ने कहा कि उन्हें महिला सभा की अध्यक्ष के इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं मिली है। हालांकि सपा में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी कई सपा पदाधिकारी अपना इस्तीफ़ा देकर दूसरे दलों में जा चुके हैं।

वहीं जानकारों की मानें तो हक़ीकत काफी हद तक ये ही है कि पार्टी में क्या बल्कि कुनबे में ही कुछ एक ऐसे लोग हैं जो आज भी अंदर ही अंदर पार्टी की जड़ों में मठ्ठा डाल भाजपा की राह आसान करने का काम कर रहे हैं। उनकी ही मदद के चलते हाल के विधानसभा चुनाव में भी जहां भाजपा के हुए थे वारे न्यारे और वहीं समाजवादी बुरी तरह से थे हारे। बावजूद इसके आज भी संभवतः अखिलेश उनके खेल को समझ नही पा रहे हैं। जबकि उक्त पार्टी नेता ने भी इस्तीफा देते हुए इस बात का इशारा दिया है।

साथ ही जानकारों का यह भी मानाना है कि अभी परसों ही कन्नौज में पत्रकारों द्वारा शिवपाल के बाबत पूछे जाने पर अखिलेश का बयान उनके अंदर की तैश और अपरिपक्वता को जाहिर करने वाला था। जो उनके पद के लिहाज से और मौजूदा हालातों में कतई उचित नही था। ठीक है कलह आज के दौर में लगभग हर घर और पार्टी में होती है लेकिन कलह कभी सतह पर नही आनी चाहिए। लेकिन सपा में हालात आज भी जस के तस हैं। जो पार्टी को आगे ले जाने के प्रति गंभीर हैं वो बेबस हैं।

Share this
Translate »