Tuesday , November 12 2024
Breaking News

2019 का चुनावी अग्निपथ! क्या पीके ही सम्हालेंगे मोदी का रथ?

Share this
  • कमल को एक तरह से फर्श से अर्श तक पहुंचा कर
  • नीतीश का तीर उठाकर महागठबंशन के रणनीतिकार बने
  • कांग्रेस का हाथ पकड़ भाजपा से ही पंजा लड़ाने वाले
  • पीके का मन फिर से कमल के प्रति कोमल हो चुका है

नई दिल्ली। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा अर्थात कमल को एक तरह से फर्श से अर्श तक पहुंचा कर अचानक मनमुटाव के चलते बिहार चुनाव में जद यू अर्थात नीतीश का तीर उठाकर महागठबंशन के रणनीतिकार बने और वहां भाजपा को ठिकाने लगाने के बाद फिर कांग्रेस का हाथ पकड़ भाजपा से ही पंजा लड़ाने वाले प्रशांत किशोर अर्थत पीके का मन फिर से कमल के प्रति कोमल हो चुका है और उनकी 2019 चुनाव के लिए भाजपा में वापसी को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।

चर्चाओं के अनुसार प्रशांत किशोर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में फिर से पीएम मोदी के साथ आ सकते हैं। इस सलिसिले में दावा किया जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात की है। और माना जा रहा है कि 2019 के चुनावी अग्निपथ में पीके सम्हाल सकते हैं मोदी का रथ।

बेहद अहम और ध्यान देने वाली बात है कि 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी पर 2014 का इतिहास दोहराने का दबाव रहेगा।  वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रशांत किशोर, नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में दोनों दिग्गजों की मुलाकात हुई थी। संभावनाएं हैं कि प्रशांत एक बार फिर मोदी के चुनावी रथ के सारथी बन सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में प्रशांत ने अपनी अलग ही पहचान बना ली है। पहले तो 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव और फिर 2014 में लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत के बाद प्रशांत किशोर पर सबकी नजर थी। लेकिन कुछ ऐसे कारण बने बल्कि अमित शाह और उनके बीच मनमुटाव के चलते मोदी और प्रशांत की राह अलग हो गई। सूत्रों के मुताबिक पिछले छह महीने से प्रशांत और मोदी एक दूसरे के संपर्क में हैं। दोनों के बीच सीधा संवाद हुआ। इस बैठक में लोकसभा चुनाव में मोदी टीम में प्रशांत किशोर की भूमिका पर चर्चा हुई। इतना ही नही हाल ही में प्रशांत किशोर की मुलाकात बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी हुई है।
जानकारों के अनुसार माना जा रहा है कि किशोर अगर एक बार फिर बीजेपी के साथ काम करते हैं तो जाहिर सी बात है कि वह सीधे पीएम मोदी के प्रचार अभिययान की कमान खुद संभालेंगे और मोदी के चुनावी रथ के सारथी बन सकते हैं। याद रहे कि पीएम मोदी एंड टीम से अलग होने के बाद प्रशांत नीतीश कुमार के संपर्क में आए और महागठबंधन के लिए काम किया जिसके आगे खुद बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद साल 2016 में किशोर कांग्रेस से जुड़े। हाल ही में वो आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे। हालांकि, इस मामले में प्रशांत किशोर के कैंप ने कहा है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्यों को प्रंशात कई मामलों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी मिलते रहते हैं।

 

Share this
Translate »