Wednesday , November 13 2024
Breaking News

इमरान खान ने रेपिस्ट को नपुंसक बनाने के कानून पर लिया यू टर्न, प्रावधान हटाया, कहा- ये इस्लाम और शरियत के खिलाफ

Share this

इस्लामाबाद. पाकिस्तान सरकार ने नए एंटी रेप लॉ (दुष्कर्म विरोधी कानून) में से सीरियल रेपिस्ट को नपुंसक बनाने की सजा का प्रावधान हटा दिया है. इमरान सरकार में कानून मंत्री फरोग नसीम ने खुद यह जानकारी दी. बुधवार को यह बिल संसद में पास कराया गया था. तमाम मीडिया हाउस में यह खबर थी कि सरकार ने कट्टरपंथियों के विरोध के बावजूद आदतन दुष्कर्मियों को नपुंसक बनाए जाने की सजा का प्रावधान इस बिल में रखा है.

कानून मंत्री नसीम फरोग ने जर्नलिस्ट आदिल वराइच के यूट्यूब चैनल पर एक इंटरव्यू दिया. इसमें नपुंसक बनाए जाने के विवादित क्लॉज पर कहा- संसद में बिल पेश किए जाने के बाद बिल्कुल आखिरी वक्त पर हमने यह बदलाव किया. इसके बाद बिल पास कर दिया गया. हमने नपुंसक बनाने वाला क्लॉज इसलिए हटाया क्योंकि काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी ने हमें यह सुझाव दिया था. हमारा संविधान कहता है कि पाकिस्तान में जो भी कानून बनेगा वो कुरान, सुन्नत और शरियत के खिलाफ नहीं होगा. इसलिए हमने यह क्लॉज हटाया.

पहले कानून में क्या था?

पहले कहा गया था – कानून सिर्फ उन दोषियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाएगा जो आदतन दुष्कर्मी हैं. यानी ऐसे अपराधी जो बार-बार इस यौन अपराध को अंजाम देते हैं. इस तरह के अपराधियों पर केस चलेगा. सुनवाई चार महीने में पूरी की जाएगी. इसके बाद अदालत एक केमिकल प्रोसेस के तहत उन्हें दवाओं के जरिए नपुंसक बनाने की सजा दे सकती है. नपुंसक बनाने की प्रक्रिया को तकनीकी और वैज्ञानिक तौर पर कहा जाता है.

एजेंसियों को क्या काम दिया गया था?

सरकारी जांच एजेंसियां यौन अपराधों पर पैनी नजर रखेंगी. इस तरह के अपराधों को अंजाम देने वाले लोगों का एक नेशनल डेटा बेस तैयार किया जाएगा. कोर्ट के पास जब मामला सुनवाई के लिए जाएगा तो संबंधित एजेंसी या पुलिस संबंधित आरोपी का क्रिमिनल रिकॉर्ड पेश करेंगी. सुनवाई से सजा तक का प्रोसेस चार महीने में पूरा किया जाएगा. इसके लिए स्पेशल कोर्ट बनाए जा सकते हैं. पाकिस्तान में यौन अपराधों के लिए अभी ताउम्र कैद यानी आजीवन कारावास और डेथ पेनल्टी यानी सजा-ए-मौत का प्रावधान है. इसके बावजूद यौन अपराधों में कमी नहीं आई है. बच्चों के खिलाफ तो यह अपराध तेजी से बढ़े हैं.

एक केस से बदले हालात

इमरान खान ने पिछले साल पहली बार सीरियल रेपिस्ट्स को नपुंसक बनाए जाने का सुझाव दिया था. पिछले साल सितंबर में लाहौर हाईवे पर पाकिस्तान मूल की फ्रेंच महिला से दो लोगों ने उसके बच्चों के सामने रेप किया था. इस घटना के बाद पाकिस्तान में दुष्कर्मियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग जोर पकड़ती गई. अब यह कानून सामने आया है. इस घटना के दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.

कट्टरपंथियों ने विरोध किया था

कुछ लोग और खासकर कट्टरपंथी इस बिल का विरोध कर रहे थे. एक वकील रिजवान खान ने कहा- पूरे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के रिव्यू की जरूरत है. हम समस्या को बहुत हल्के तौर पर ले रहे हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा- इस तरह के अपराधों की असली वजह यानी तह तक पहुंचना जरूरी है. जमात-ए-इस्लामी के सांसद मुश्ताक अहमद ने कहा था- यह बिल इस्लाम और शरिया विरोधी है. रेपिस्ट को आप चौराहे पर फांसी दे दें. मगर शरिया में तो कहीं नपुंसक बनाने की सजा का जिक्र नहीं है. नए बिल में मुश्ताक की बात मान ली गई है.

Share this
Translate »