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लखीमपुर खीरी कांड: SIT जांच में खुलासा- हादसा नहीं, हत्या की सोची समझी साजिश

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लखीमपुर खीरी. तिकुनिया कांड के तीन महीने बाद एसआईटी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच टीम ने इसे हत्या की सोची समझी साजिश बताते हुए मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा समेत सभी आरोपियों पर कई संगीन धाराएं बढ़ा दी हैं. इसमें धारा 307, 326 और 34 शामिल है. इसके साथ ही जांच टीम ने बढ़ाई गई धाराओं में आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है. गौरतलब है कि तिकुनिया कांड में चार किसान और एक पत्रकार की हत्या में मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा पर मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसमें धारा 302, 304ए, 147, 148, 149, 279, 338 और 120बी लगी हुई थी. इन्हीं धाराओं में एसआईटी ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, अंकित दास और सुमित जायसवाल समेत सभी आरोपियों को जेल भेजा था. मुकदमें की विवेचना अभी जारी है.

विवेचना में एसआईटी ने पाया है कि जेल में बंद सभी आरोपियों ने धारा 307 (जानलेवा हमला) धारा 326 (अंग भंग करना) और धारा 34 (एक राय) का अपराध किया है. एसआईटी ने मुकदमें में धारा 34, 307 और 326 बढ़ा दी है. बढ़ाई गई धाराओं में आरोपियों की रिमांड लेने के लिए विवेचक ने सोमवार को कोर्ट में अर्जी दी है. इस अर्जी पर कोर्ट ने मंगलवार को आरोपियों को तलब किया है. एसआईटी ने विवेचना के दौरान यह भी पाया है कि आरोपियों पर धारा 304ए, 279और 338 का अपराध नहीं बनता है. एसआईटी ने मुकदमे से धारा 304ए, 338 और 279 को हटा दिया है.

एसआईटी के मुख्य जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने साफ कर दिया है कि यह लापरवाही व उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए दुर्घटनावश मृत्यु का का मामला नहीं है. सोची समझी साजिश के चलते भीड़ को कुचलने, हत्या करने, हत्या की कोशिश के साथ ही अंग भंग करने  की साजिश का मामला है. बता दें कि 3 अक्टूबर को हुई इस घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी.

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