Wednesday , October 30 2024
Breaking News

जनता ने बखूबी बदली अपनी निष्ठा, ..और दांव पर लगी सरकार के दिग्गजों की प्रतिष्ठा

Share this

लखनऊ। देश के सबसे बड़े और अहम सूबे उत्तर प्रदेश में दो अहम सीटों गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में फिलहाल जो रूझान हैं उनसे तकरीबन तय होता जा रहा है कि दोनो ही सीटों पर गठबंधन के चलते सपा के उम्मीदवारों की जीत निश्चित है। एक तरह से औपचारिकता मात्र का ऐलान बाकी समझा जाये। हालांकि मतगणना के दौरान काफी गहमा गहमी रही एक बार को मीडिया तक को कुछ समय के लिए मतगणना स्थल पर जाने से रोक दिया गया था जिसको लेकर सदन तक में भारी हंगामा खड़ा हो गया जिस पर बाद में स्थिति सामान्य हो सकी। वहीं विपक्ष ने इस पर सरकार और सरकारी मशीनरी को कटघरे में खड़ा किया।

फिलहाल ताजा मिली जानकारी के मुताबिक अब तक आए रुझानों के अनुसार फूलपुर में सपा उम्मीदवार नागेंद्र सिंह पटेल ने 13000 से ज्यादा वोटों से आगे हैं वहीं गोरखपुर सीट पर जारी मतगणना में सपा के उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद भी लगभग इतने ही वोटों से आगे चल रहे हैं।

गौरतलब है कि इन दोनों ही सीटों का महत्व इसलिए भी काफी अहम है क्यों कि जहां गोरखपुर सीट सूबे के मुख्यमंत्री योगी की प्रतिष्ठा से जुड़ी है तो वहीं फूलपुर सीट सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की प्रतिष्ठा से जुड़ी मानी जाती है। और जिस तरह से दोनों ही सीटों पर जनता नें अपनी निष्ठा को बदला है उससे योगी और केशव की प्रतिष्ठा भला फिर कहां बच पानी थी। जानकारों की मानें तो फूलपुर सीट पर तो ऐसा होना तय माना जा रहा था लेकिन गोरखपुर सीट पर ऐसा होने की संभावना कम ही थी लेकिन फिर वो ही बात कि ये पब्लिक है कब किधर चली जायें ये तो बड़े-बड़े भी आज तलक समझ नही पाए।

ज्ञात हो कि गोरखपुर लोकसभा सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है। जबकि, इलाहाबाद की फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है। इन दोनों सीटों पर 11 मार्च को उपचुनाव हुए थे।

गोरखपुर में 43 प्रतिशत व फूलपुर में 37.39 फीसद वोट पड़े थे। भाजपा के लिए यह दोनों ही सीटें प्रतिष्ठा से जुड़ी हैं। बुधवार को इन दोनों सीटों के परिणाम आ जाएंगे। वहीं आयोग ने उप चुनाव वाली बिहार की तीनों सीट पर भी मतगणना की तैयारी पूरी कर ली है।

गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव सीट पर भाजपा से उपेंद्र शुक्ला और समाजवादी पार्टी से प्रवीण निषाद प्रत्याशी हैं। कांग्रेस की ओर से इस सीट पर सुरहिता करीम मैदान में हैं। बहुजन समाज पार्टी ने भी खुले तौर पर यहां प्रवीण निषाद का समर्थन करने का ऐलान किया हुआ है।

जानकारों के  अनुसार गोरखपुर भाजपा का मजबूत दुर्ग माना जाता है। ये भाजपा की परंपरागत सीट है। महंत अवैद्यनाथ ने 1970 में निर्दलीय के रूप में जीत का जो सिलसला शुरू किया, वह आज तक जारी है। महंत अवैद्यनाथ गोरखपुर से चार बार सांसद रहे, 1970 में निर्दलीय तो 1989 में वो हिंदू महासभा से सदस्य बने।

गोरखपर में महंत अवैद्यनाथ की राजनीतिक विरासत को योगी आदित्यनाथ ने 1998 में संभाला तो फिर पलटकर नहीं देखा। पिछले पांच बार से लगातार योगी भाजपा के टिकट से संसद पहुंचते रहे हैं। 1991 और 1998 में भाजपा को समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर मिली थी लेकिन 2004 के बाद से अभी तक भाजपा के योगी आदित्यनाथ एकतरफा जीत हासिल करते रहे हैं।

इसी प्रकार फूलपुर लोकसभा सीट भाजपा के लिए काफी अहम मानी जा रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा की और से जीत दर्ज की थी। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद मौर्य को यूपी का मुख्यमंत्री बनाया गया, जिसकी वजह मौर्य ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। फूलपुर उपचुनाव के लिए 37.4 फीसदी मतदान हुए थे। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 50.2 फीसदी मतदान हुआ था। इस तरह इस बार 12.4 फीसदी वोटिंग कम हुई।

 

 

 

 

Share this
Translate »