Monday , October 7 2024
Breaking News

खाप पंचायतों पर लगाम कसने की तैयारी, कोर्ट ने दिशा-निर्देश किए जारी

Share this

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज खाप पंचायतों द्वारा ऑनर किलिंग पर बड़ा फैसला सुनाते हुए खाप पंचायतों जैसी अवैध सभाओं की ओर से दो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से शादी करने में दखल देने को ‘‘पूरी तरह से गैरकानूनी’’ करार दिया है और ऐसी दखलंदाजी रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।
देश के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए.एम. खान विल्कर एवं न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि संसद द्वारा उचित कानून ना बनाए जाने तक ये दिशा निर्देश लागू रहेंगे। शीर्ष न्यायालय ने एनजीओ शक्ति वाहिनी की याचिका पर यह आदेश दिया। एनजीओ ने प्रेमी जोड़ों की ऑनर किलिंग से रक्षा करने की मांग करते हुए वर्ष 2011 में कोर्ट का रुख किया था।

गौरतलब है कि विगत जनवरी माह में भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह कहा गया था कि कोई वयस्क महिला अथवा पुरुष अपनी इच्छा से किसी भी व्यक्ति से शादी कर सकता है और खाप पंचायत इसमें कोई दखल नहीं दे सकती।  मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने प्रेम विवाह करने वाले युवक-युवतियों पर खाप पंचायतों द्वारा किये जाने वाले अत्याचारों पर अंकुश लगा पाने में असफल रहने पर केंद्र सरकार को फटकार भी लगायी थी।

इस दौरान न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कहा था कि कोई भी वयस्क महिला या पुरुष अपनी पसंद के किसी व्यक्ति से शादी कर सकता है। खाप पंचायत इस पर सवाल नहीं खड़ा कर सकती। शीर्ष अदालत ने कहा कि अंतर-जातीय विवाह करने वाले प्रेमी-युगलों के खिलाफ खाप पंचायतों या ऐसे किसी संगठनों द्वारा किये गये अत्याचार या दुव्र्यवहार को पूरी तरह गैर-कानूनी बताया। खाप पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी देते हुए न्यायालय ने कहा कि यदि केंद्र सरकार खाप पंचायतों को प्रतिबंधित करने की दिशा में कदम नहीं उठाती तो अदालत इसमें दखल देगी।

 

Share this
Translate »