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CWG 2018: तीसरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ भारत ने रचा इतिहास, 66 पदक के साथ कई रिकॉर्ड बनाऐ

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गोल्ड कोस्ट। भारतीय खिलाड़ियों ने 21वें कॉमवेल्थ गेम्स के आखिरी दिन फिर से शानदार प्रदर्शन किया। आखिरी दिन भारतीय खिलाड़ियों ने न सिर्फ अपना दमखम दिखाया बल्कि बखूबी उम्मीदों पर खरे भी उतरे जिसके तहत ग्लास्गो के 64 पदकों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए भारत ने कुल 66 पदक जीते। इनमें 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल हैं। गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ खेलों में ये भारत का अभी तक का तीसरा सर्वश्रेस्ट प्रदर्शन रहा। खेलों और 10वें दिन का आखिरी पदक बैडमिंटन पुरुष डबल्स में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की फाइनल में हार के साथ रजत के रूप में आया।

वहीं जबकि इससे पहले बैडमिंटन के महिला सिंगल्स इवेंट में गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल दोनों पर भारत ने कब्जा कर लिया है। सायना नेहवाल ने बैडमिंटन के महिला सिंगल्स फाइनल में पी.वी. सिंधु को हराकर स्वर्ण पदक जीता लिया है, वहीं पी. वी. सिंधु को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। दुनिया के नंबर एक पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने सिल्वर मेडल जीता। वहीं पुरुष डब्ल्स के बैडमिंटन फाइनल में सात्विक रनकिरड्डी और चिराग चंद्रशेखर रेड्डी ने सिल्वर मेडल हासिल कर लिया। इन दोनों को फाइनल में इंग्लैंड के खिलाड़ियों से मात मिली।

कुल मिलाकर गोल्ड कोस्ट में भारत के नाम कुल 66 मेडल रहे। जिसके तहत भारतीय खिलाड़ियों ने 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज मेडल जीते। पदक तालिका में भारत तीसरे स्थान पर रहा। भारत से पहले 45 गोल्ड और कुल 136 पदकों के साथ इंग्लैंड दूसरे तो पहले स्थान पर ऑस्ट्रेलिया रहा। ऑस्ट्रेलिया ने 80 गोल्ड मेडल के साथ कुल 197 मेडल जीते।

हालांकि गोल्ड कोस्ट में आए 66 मेडल भारत का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। भारत ने सबसे ज़्यादा कुल 101 मेडल दिल्ली में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में जीते थे। दिल्ली में भारत ने 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज़ मेडल जीते थे। इससे पहले 2002 में मेनचेस्टर में खेले गए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने कुल 69 मेडल हासिल किए थे। मेनचेस्टर में भारत के नाम 30 गोल्ड, 22 सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज़ मेडल रहे थे।

ज्ञात हो कि गोल्ड मेडल के लिए आखिरी मुकाबला भारत की सायना और पी.वी. सिंधु के बीच खेला गया। सायना ने सिंधु को 21-18, 23-21 से हराकर गोल्ड अपने नाम किया। सायना इसके साथ राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं।

इस दौरान सायना और सिंधु के बीच एक-एक पॉइंट के लिए जबरदस्त टक्कर देखने को मिली। सायना पहला सेट 21-18 से जीती, वहीं दूसरे सेट में सिंधु ने जोरदार वापसी करते हुए सायना पर शुरुआत में बढ़त बनाई। लेकिन सायना ने आखिरी मौके पर फिर से वापसी की फिर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। पहला गेम सिर्फ 22 मिनट तक चला तो दूसरा गेम खत्म होने में 34 मिनट लगे।

साथ ही किदांबी श्रीकांत स्वर्ण पदक जीतने में नाकाम रहे। तीन सेट तक चले कड़े मुकाबले में मलेशिया के ली चोंग वी ने 21-19, 14-21, 14-21 से मात देकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया वहीं श्रीकांत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। पहला सेट 23 मिनट, दूसरा सेट 21 मिनट और तीसरा सेट भी 21 मिनट चला।

इसके बाद पुरुष डब्ल्स के बैडमिंटन फाइनल में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने सिल्वर मेडल हासिल किया। इन दोनों को फाइनल में इंग्लैंड के खिलाड़ियों से मात मिली। स्कवॉश महिला डबल में दीपिका पल्लिकल कार्तिक और जोशना चित्नप्पा की जोड़ी को भी फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। जोशना-दीपिका का फाइनल में न्यूजीलैंड की जोले किंग और अमांडा लैंडर्स मर्फी से मुकाबला था जो वह महज 21 मिनट तक चले मैच दौरान 11-9, 11-8 से हार गईं। इस तरह दोनों को सिल्वर मैडल से ही संतोष करना पड़ा।

वहीं जबकि दिन की शुरुआत में टेबल टेनिस के मिक्स्ड डबल्स मुकाबले में भारत को ब्रॉन्ज मेडल मिला। मनिका बत्रा और जी.साथियान की जोड़ी ने हमवतन अचंत शरत कमल और मौमा दास की जोड़ी को 11-6, 11-2, 11-4 से हराया। इन कॉमनवेल्थ गेम्स में मनिका बत्रा का यह चौथा मेडल है।

 

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