नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की कथित तौर पर रहस्यमयी मौत के बहुचर्चित मामले की एसआईटी से जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके बाद अब इस मामले की कोई जांच नहीं होगी।
गौरतलब है कि सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की कथित तौर पर रहस्यमयी मौत के बहुचर्चित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मामले की एसआईटी से जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके बाद अब इस मामले की कोई जांच नहीं होगी।
साथ ही फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जज लोया के साथ सफर कर रहे जजों के बयानों पर संदेह नहीं किया जा सकता। साथ ही सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि इस मामले में जिस तरह से याचिकाएं दायर हो रही हैं उसे देखकर लगता है कि इनका दुरुपयोग हो रहा है।
इतना ही नही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में कोई दम नहीं है और यह न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश है। मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तय होगा कि केस की स्वंतत्र जांच होगी या नहीं।
ज्ञात हो कि जज लोया हाई प्रोफाइल सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। उनकी 1 दिसंबर 2014 को कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से नागपुर में मौत हो गई थी। वह वहां अपने मित्र की बेटी की शादी में भाग लेने गए थे। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 16 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बेहद अहम और गौर करने की बात है कि सोहराबुद्दीन केस में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान के व्यवसायी विमल पाटनी, गुजरात के पूर्व पुलिस प्रमुख पीसी पांडे, एडीजीपी गीता जौहरी व गुजरात के पुलिस अफसर अभय चुडास्मा व एनके अमीन दोषमुक्त हो चुके हैं।
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