नई दिल्ली। मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में फैसला जितना चर्चा में रहा उससे कहीं ज्यादा फैसले के बाद फैसला देने वाले जज का इस्तीफे की पेशकश किया जाना। लेकिन उनके इस्तीफे को फिलहाल नामंजूर कर दिया गया है और उनको तत्काल प्रभाव से काम संभालने का निर्देश भी दिया गया है।
गौरतलब है कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में फैसला सुनाने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने वाले स्पेशल एनआईए जज रविंद्र रेड्डी का इस्तीफा नामंजूर हो गया है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाईकोर्ट ने उनका इस्तीफा नामंजूर करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से अपना काम संभालने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल रेड्डी ने मामले में सभी आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाने के ठीक बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और छुट्टियों पर चले गए थे। रेड्डी ने अपने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया और कहा कि इसका आज के फैसले से कोई लेना देना नहीं है। अधिकारी ने बताया कि दरअसल वह काफी समय से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे थे।
ज्ञात हो कि 18 मई 2008 को जुम्मे की नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में 10 आरोपी थे जिनमें से एक की मौत हो गई थी। बाद में 5 लोगों के खिलाफ केस चलता रहा जिनमें असीमानंद भी शामिल थे। इस केस की सुनवाई के दौरान 160 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। एनआईए ने 2011 में इस केस की जांच अपने हाथ में ली थी।
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