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कश्मीर: सरकार की तमाम कोशिशें होती बेकार, छात्रों का विरोध-प्रदर्शन बंद करने से इनकार

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श्रीनगर। कश्मीर में सरकार द्वारा लगातार जारी शांति की उन कोशिशों को उस वक्त झटका लगा जब वहां के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन बंद तमाम सख्ती के बावजूद जारी रखा है। जिसके चलते जब तब घाटी में सेना और छात्रों के बीच संघर्ष की नौबत आ रही है।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्री सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने छात्रों को कड़ी चेतावनी देते हुए आज कहा कि यदि छात्र अपना विरोध-प्रदर्शन बंद नहीं करते और वे कक्षाओं में नहीं लौटते तो उनके उनके खिलाफ कड़े कदम उठाये जायेंगे। ज्ञात हो कि छात्र जम्मू के कठुआ में आठ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म और उसके बाद उसकी क्रूर ढंग से हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के  मुख्य शहर में अधिकतर छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर और नाबालिग लडक़ी के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के विरोध में सडक़ों पर उतर आये हैं और अपराधियों को मौत की सजा देने की मांग कर रहे हैं। विरोध करने वाले छात्रों ने जब रैली निकालने की कोशिश की तो सुरक्षा बलों ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।

इस दौरान जब प्रदर्शनकारी छात्र सेना पर पथराव कर रहे थे। इस झड़प में एक छात्र घायल हो गया, उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर शहर में ऐसी ही कुछ झड़पें हुई थी। वहां छात्र विरोध रैली निकाल रहे थे और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

वहीं बांदीपुरा जिले के सरकारी हाईस्कूल मलपोरा सदेरकोट में छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें होने की सूचना मिली है। इस बीच, दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पिजुरा में सेना के वाहन पर पथराव करने पर युवाओं को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलायीं।

इसी प्रकार एक अन्य घटना में पुलवामा के मुर्रम में सेना के गश्ती दल पर पथराव करने पर युवाओं और सेना के बीच झड़प हुयी। बुखारी ने कल घाटी में 90 दिनों के लिए सभी निजी शिक्षा केंद्रों को बंद करने का आदेश दिये। इसके एक दिन बाद ही शिक्षा मंत्री ने छात्रों को विरोध प्रदर्शन समाप्त नहीं करने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी मगर छात्रों ने विरोध समाप्त नहीं किया।

हालांकि बुखारी के इस निर्णय पर सभी विपक्षी दलों और समाज के सभी वर्गों ने गंभीर आलोचला की।  घाटी में एक सप्ताह के दौरान छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में छात्राओं सहित 24 से अधिक छात्र घायल हो गये। जहां छात्र प्रतिदिन सडक़ों पर उतर आये और कठुआ दुष्कर्म और हत्या के अपराधियों को मौत की सजा देने की मांग कर रहे है।

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