अजमेर। हमारे मुल्क की ये ही एक सबसे बड़ी खसियत है कि चाहे कितनी भी आपसी नाइत्तेफाकियां हो फिर भी दिलों में मुहोब्बत है। सच मानिए तो ये मुहोब्बत ही है जो हमें आपस में एक दूसरे से बखूबी जोड़े है वरना सियासतदाओं ने तो हमे अलग करने के कोई मौके नही छोड़े हैं। जी! हमारी आपसी मुहोब्बत की एक नायाब मिसाल सामने आई है जब भारतीय मुसलमानों ने इराक के कर्बला में जाकर तिरंगा फहराया और देश की आवाम की सलामती की दुआ मांगी।
गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिमों ने इराक के कर्बला में भारतीय ध्वज को फहराया। खादिमों का एक दल इन दिनों इराक के मुकद्दस मकामात की जियारत को गया हुआ है। देशभक्ति की भावना से अजमेर शरीफ दरगाह के खादिमों ने इराक के कर्बला में भारत की जनता की खुशहाली और सलामती की दुआ की।
इस दौरान उन्होंने तिरंगा लहराकर उन्होंने मुल्क से अपनी मुहोब्बत को बखूबी जताया है। अंजुमन सैयद जादगान के सदस्य सैयद आले बदर चिश्ती, तजियेदार अकील अहमद ने कर्बला से इसके वीडियो और तस्वीरें भेजी हैं। अजमेरवासी भारतीय यात्रियों ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन के रोजे के पास यह परचम लहराया गया था।
उन्होंने बताया कि दरगाह के करीब 300 खादिम इन दिनों इराक आदि देशों के मुकद्दस मकामात की जियारत के लिए गया है। ये अकीकदमंद 15 दिनों से अधिक की यात्रा पर हैं, जिन्होंने कर्बला की गलियों और बाजारों में धार्मिक गीत भी पढ़े।
ज्ञात हो कि इस दल में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। सैय्यद आले बदर चिश्ती ने बताया कि वह इस मुकद्दस मकामात पर पहुंच कर भारत का राष्ट्रीय झंडा लहराना चाहते थे। आज यह इच्छा पूरी हुई। इराक के लोग भी भारतवासियों से बहुत मोहब्बत करते हैं। भारत को अपना दोस्त देश मानते हैं। भारतीय दल को भी सम्मान की भावना से देखते हैं।
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