Wednesday , October 30 2024
Breaking News

Karnataka: सभी विरोधी दलों ने दलित विरोधी बताया फिर भी दलितों ने बखूबी BJP का साथ निभाया

Share this

बेंगलूरू। देश में भाजपा को दलित विरोधी बताकर दलितों के तथाकथित मसीहा बनने वाले सियासी दलों और उनके नेताओं के लिए खतरे की घंटी साबित हुए हैं कर्नाटक चुनाव क्योंकि जैसा कि फिलहाल बाते सामने आ रही हैं उसके मुताबिक  कर्नाटक चुनाव नतीजों के रुझान कांग्रेस की दलित राजनीति पर गहरी चोट कर रहे हैं। यहां की 23 दलित बाहुल्य सीटों पर भाजपा आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 20 सीटों पर आगे चल रही है।

बेहद गौर करने की अहम बात है कि ऐसा तब हो रहा है जब कांग्रेस की ओर से भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया गया है। कर्नाटक में दलितों के वोटबैंक को साधने के लिए मैदान में जेडीएस और उसकी सहयोगी पार्टी बसपा थी। इसके बावजूद दलितों ने अपना विश्वास भाजपा में दिखाया है। कर्नाटक चुनाव में दलितों का भाजपा को वोट दिखाता है कि वो अब पुरानी दलित राजनीति से किनारा कर रहे हैं।

संभवतः कांग्रेस शायद दलितों के इस बदले मूड को पहले ही भाप गई थी, इसी वजह से सिद्दारमैया की ओर से दलित के लिए सीएम की कुर्सी छोड़ने की बात कही गई थी। इस तरह से वो जेडीएस को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे थे।  कुल मिला कर ऐसी तमाम कोशिशें मौजूदा हालातों में बेकार साबित हुई हैं। क्योंकि जैसा कि रूझान है उसके लिहाज से हाल फिलहाल भाजपा को बहुमत के लिए किसी की जरूरत पड़ती नजर नही आ रही है।

Share this
Translate »