बेंगलुरू। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती की रणनीति और कवायद का नतीजा है कि कर्नाटक में एच . डी . कुमारस्वामी मंत्रिमंडल के विस्तार में एक मात्र बसपा विधायक को भी मंत्री बनाया गया है। पहली बार उत्तर प्रदेश से बाहर बहुजन समाज पार्टी किसी दूसरे राज्य में सरकार में शामिल हो सकी है।
गौरतलब है कि कर्नाटक में 15 दिन पुराने एच . डी . कुमारस्वामी मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए आज 25 मंत्रियों को शामिल किया गया। 14 मंत्री कांग्रेस के , नौ मंत्री सहयोगी दल जद (एस) से और एक – एक मंत्री बसपा और केपीजेपी से हैं। राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में नये मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पूर्व प्रधानमंत्री और जद एस सुप्रीमो एच डी देवगौड़ा के बेटे एच डी रेवन्ना और कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार शपथ लेने वाले मंत्रियों में शामिल हैं।
बेंगलुरु में होने वाले कुमारस्वामी सरकार के मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण में बसपा के एकमात्र विधायक एन महेश ने भी मंत्रिपद की शपथ ली। इस मौके पर बसपा अध्यक्ष मायावती का प्रतिनिधित्व करने के लिए बसपा महासचिव सतीश मिश्र भी शपथ समारोह में शामिल हुए। बताया जाता है कि सरकार में बसपा के शामिल होने के बाद कर्नाटक में अब जद (एस)-कांग्रेस-बसपा गठबंधन सरकार बनेगी। कर्नाटक का यह प्रयोग बसपा और कांग्रेस के बीच भी उत्तर प्रदेश के बाहर भी सहमति और समझौते का रास्ता खोलेगा।
वहीं इतना ही नही जद एस के जी टी देवगौड़ा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मैसुरू के चामुंडेश्वरी सीट से हराया था। कांग्रेस की विधान पार्षद जयमाला एकमात्र महिला मंत्री हैं। विभागों के बंटवारे के समझौते के तहत कांग्रेस के 22 और जद एस के 12 मंत्री होंगे। आज के विस्तार के साथ मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या 27 हो गई है और सात पद अब भी खाली हैं। कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस के जी . परमेश्वर ने उपमुख्यमंत्री के रूप में 23 मई को शपथ ली थी।
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