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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: PM मोदी की कल्चरल डिप्लोमेसी का है परिणाम, जो योग के जरिये भारत का हुआ नाम: राजनाथ

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लखनऊ। राजधानी में भी आज गुरूवार को चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राजभवन में सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन हुआ इसमें राज्यपाल राम नाईक केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य हस्तियों ने हिस्सा लिया । इस दौरान पतंजलि के योग प्रशिक्षकों ने अतिथियों सहित अन्य लोगों को योगाभ्यास कराया।

गौरतलब है कि राजभवन के मुख्य प्रांगण में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों को गीता प्रेस से प्रकाशित कल्याण के विशेष योग विशेषांक पुस्तक देकर किया गया। वहीं योगाभ्यास शुरू होने से पूर्व जहां CM योगी ने अपने संबोधन में कहा कि चार वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल और प्रयासों से योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल सकी। योग से बीमारियां दूर रहती हैं और उन पर होने वाला खर्च बचता है। जीवन में संतुलन ही योग है। नियमित दिनचर्या में अगर इसे शामिल किया जाए तो नई ऊर्जा का संचार होता है, कहा जाता है करो योग रहो निरोग।

साथ ही उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश के सभी 75 जिलों, 350 तहसीलों, 823 विकासखंडों और 653 नगर निकायों में योग का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा योग की पोशाक पहनने से ही व्यक्ति में बदलाव दिखाई देने लगते हैं। उन्होंने मजाक के लहजे में कहा कि जब सुबह जब उन्होंने राज्यपाल को योग की पोशाक में देखा तो पहले उन्हें पहचान ही नहीं पाए। ठीक ऐसे ही उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के लिए भी कहा कि इस पोशाक में वो एक पल को उन्हें भी पहचान नही पाए लेकिन फिर उनकी चाल देखकर वह समझ पाए। इसपर सभी ने जमकर ठहाके लगाए। वहीं  राजभवन में योगाभ्यास की अनुमति देने पर उन्होंने राज्यपाल का आभार जताया।

जबकि वहीं इस मौके पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा अब यह एक अंतरराष्ट्रीय उत्सव बन गया है। पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। भारत की योग विशेषता को यूएन के 193 में से 191 देशों ने मान्यता दी। विवादों में घेरने पर उन्होंने कहा कि यह किसी एक धर्म विशेष का नहीं है क्योंकि जब यूएन में योग का प्रस्ताव लाया गया तो 177 से अधिक देशों ने इसे स्वीकृति दी इसमें 40 मुस्लिम देश भी थे जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बात को अपना समर्थन दिया। यही नहीं पिछले दिनों सऊदी अरब की योग प्रशिक्षिका को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

उन्होंने इसे मोदी सरकार की कल्चरल डिप्लोमेसी या सांस्कृतिक डिप्लोमेसी का नाम देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर योग ने भारत को एक नई पहचान दी है। राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में कार्यक्रम आयोजन की अनुमति वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा योगी जी वैसे तो हमेशा सच बोलते हैं लेकिन आज उन्होंने आधा सच बोला राज भवन प्रांगण में सामूहिक योग के लिए परमिशन नहीं बल्कि आमंत्रण दिया, कि यह योग कार्यक्रम यहीं हो।

उन्होंने योग को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना भी की। अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज 85 वर्ष का होने पर भी मैं स्वस्थ हूं और योग कर रहा हूं क्योंकि बचपन में स्कूल में सूर्य नमस्कार आदि कराया जाता था। उन्होंने वर्तमान जीवन शैली पर यह कहा कि शहरों में जीवन पद्धति शैली इतनी अस्वस्थ हो गई है कि बिना योग के शारीरिक और मानसिक शांति संभव नहीं है।

हालांकि अतिथियों के संबोधन के बाद करीब 40 मिनट तक योग प्रशिक्षकों ने योगाभ्यास कराया गया। इस दौरान सेना, अर्धसैनिक बल के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों, पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी, छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे। कार्यक्रम का आयोजन आयुष विभाग ने किया था।

 

 

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