नई दिल्ली. देश में जारी कोरोना संकट के कारण संकटग्रस्त भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के पांचवें और अंतिम चरण में आत्मनिर्भर भारत को लेकर सरकार का रोडमैप साझा किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 50 लाख रुपये की बीमा योजना है. महामारी एक्ट में बदलाव किया गया है. कोरोना के लिए स्वास्थ्य विभाग को 15 हाजर करोड़ रुपये की घोषणा की गई है. टेस्टिंग और लौब के लिए 550 करोड़ रुपये के फंड का प्रवधान किया गया है. किसानों को संकट के समय 86 हजार करोड़ रुपये के लोन का प्रबंध किया गया है.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले दो माह में कोरोना वायरस से जंग में हेल्थ संबंधी कदमों में राज्यों में 4113 करोड़ रुपये जारी किए गए. जरूरी सामानों पर 3750 करोड़, टेस्टिंग लैब्स और किट्स के लिए 550 करोड़ रुपये की घोषणा की गई. पिछले दो माह में कोरोना वायरस से जंग में हेल्थ संबंधी कदमों में राज्यों में 4113 करोड़ रुपये जारी किए गए. जरूरी सामानों पर 3750 करोड़, टेस्टिंग लैब्स और किट्स के लिए 550 करोड़ रुपये की घोषणा की गई.
उन्होंने बताया कि पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 6 मई तक 8.19 करोड़ पीएम किसान लाभार्थियों को 2000 रुपये की किस्त मिल गई. जनधन खाताधारक 20 करोड़ महिलाओं के खाते में पैसे पहुंच चुके हैं. 8.91 करोड़ किसानों के अकाउंट में 2-2 हजार रुपये भेजे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई गई ट्रेनें का किराया 85 प्रतिशत केंद्र सरकार ने दिया है. ट्रेन के अंदर खाना भी मुहैया करवाया गया. आज हम मनरेगा, हेल्थ, शिक्षा, बिजनेस, कंपनी एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और राज्य सरकारों के रिसोर्स पर केंद्रित करेंगे. 200 नई पाठ्यपुस्तकें ई-पाठशाला में जोड़ी गईं.
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम जो वृद्ध, अपंग और विधवाओं के लिए शुरू किया गया था उसके तहत 2.81 करोड़ लाभार्थियों को 2,807 करोड़ रुपए अब तक ट्रांसफर कर दिया गया है. इसमें कुल 3000 करोड़ ट्रांसफर करना था. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मौजूदा तकनीक का इस्तेमाल किया और इसलिए नकदी का डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर कर पाए. 2,000 रुपये की एक बार नकदी ट्रांसफर 8.19 करोड़ किसानों तक पहुंची है और इसकी कुल लागत 16,394 करोड़ है.