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कर्नाटक: मूसलाधार बारिश से बेहाल, राज्य में बाढ़ जैसे हाल

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बेंगलुरु। अरब सागर से उठे चक्रवात के चलते पिछले तीन दिनों से जारी मुसलाधार बारिश से यहां के कई शहरों में जनजीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। साथ ही तटीय इलाकों में इस बाशि के कारण कुछ लोगों की मौत भी हाे गई है।

मिली जानकारी के अनुसार अरब सागर में उठे चक्रवात के कारण आज तीसरे दिन हो रही मूसलाधार बारिश से तटीय कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़, उडुपी, करवार एवं मंगलुरु जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दक्षिण पश्चिम मानसून के समय से पहले पहुंचने के कारण हो रही बारिश से तटीय क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में चार लोगों की मौत हो गई।

हालांकि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के सदस्य, अग्निशमन सेवाकर्मी और जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के अभियान को तेज कर दिया है। अग्निशमन सेवाकर्मी और नागरिकों ने अलाकी शहर में गुजराती इंगलिश मीडियम स्कूल में फंसे 450 विद्यार्थियों और 35 कर्मचारियों को बचाया।

वहीं नाव की मदद से इन लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। स्कूल में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के बाद विद्यार्थी और कर्मचारी दूसरी मंजिल पर चले गए और विभाग को इसकी सूचना दी। तेज बारिश से वाहनों का आवागमन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है क्योंकि सड़कों पर चार फुट से अधिक पानी बह रहा है। कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए और कुछ पेड़ घरों पर गिर गए।  राज्य आपदा मोचन बल के सूत्रों के अनुसार बारिश चक्रवात के कारण नहीं हो रही है बल्कि समुद्र में दबाव और प्रतिकूल मौसम के कारण हो रही है और अगले तीन दिनों तक बारिश होगी।

बताया जाता है कि बंदगाह शहर मेंगलुरु में कल 434 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई। तटीय क्षेत्र में बुरी तरह प्रभावित इलाकों में उडुपी और दक्षिण कन्नड़ है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बारिश बंद होने के बाद ही खरीफ फसलों, जान-माल और घरों को हुए नुकसान का सही आकलन किया जा सकेगा क्योंकि सभी निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। गडग, करवार, मांड्या, कोदागु जिलों में भी तेज हवा के साथ भारी बारिश हो रही है।

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