लखनऊ। सोशल मीडिया पर जब तब अफवाहों के फैलने से होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया ने एक बेहतर और कारगर योजना बनाई है जो जल्द ही अमल में लाई जायेगी। माना जा रहा है कि इससे काफी हद तक सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहो पर रोकथाम लगाई जा सकेगी।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर फोटो, वीडियो और अफवाहों के कारण होने वाली हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए यूपी पुलिस अब आम जनता से जुड़े लोगों की ‘डिजिटल आर्मी’ तैयार करेगी। इसमें शिक्षक, पूर्व सैनिक, पूर्व पुलिसकर्मी, व्यापारी, चिकित्सक, वकील, पत्रकार सहित इलाके के प्रमुख व्यक्ति शामिल होंगे।
इस बाबत पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि प्रदेश के हर थाने में अलग-अलग वर्ग के 250 लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे। ये लोग वायरल सूचनाओं, अफवाहों, फोटो और वीडियो को इलाके की पुलिस के साथ साझा करेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 1469 थानों में व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से 250-250 डिजिटल स्वयंसेवी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक थाने का व्हाट्सएप ग्रुप जनपदीय व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा रहेगा। सभी जनपदीय व्हाट्सएप ग्रुप पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय से जोड़े जाएंगे।
इसके साथ ही सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में जहां एक ओर सोशल मीडिया द्वारा संचार क्रांति की शुरुआत हुई है, वहीं दूसरी ओर अराजक तत्व कानून व्यवस्था एवं सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने हेतु इस प्लेटफार्म का दुरुपयोग कर भ्रामक खबर, फोटो, वीडियो प्रसारित कर रहे हैं। हाल में ही कुछ राज्यों में इन अफवाहों के आधार पर निर्दोष लोगों की हत्या भी हुई है।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप ग्रुपों को इन अफवाहों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस भी सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहों को रोकने के लिए तत्पर है। डिजिटल स्वयंसेवी बनने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट http://uppolice.gov.in पर उपलब्ध फॉर्म भरना होगा।
वहीं आवेदन के बाद जिले के पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में जिला स्तर की कमेटी डिजिटल स्वयंसेवी चुनेगी। कमेटी चयन करते वक्त यह देखेगी कि स्वयंसेवी इलाके का प्रभावशाली व्यक्ति हो, उसकी छवि अच्छी हो और वह सोशल मीडिया का जानकार हो।
उन्होंने बताया कि हर गांव, मोहल्ला, कस्बा और वॉर्ड से कम से कम दो-दो स्वयंसेवी चुने जाएंगे। इनका मुख्य कर्तव्य क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अफवाह फैलने पर अपने क्षेत्र में व्यक्तिगत रूप से एवं सोशल मीडिया द्वारा सही तथ्यों से जनसामान्य को अवगत कराते हुए, पुलिस का सहयोग करना होगा।
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