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नकल के भरोसे हैं तो हो जाऐं होशियार, नकल रोकने को सरकार लाई एक और हथियार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की सख्ती के चलते वैसे ही पिछली यूपी बोर्ड की परीक्षा में तकरीबन लाखों परीक्षार्थी गायब हो गए थे। वहीं इस बार सरकार परीक्षा के दौरान और भी सख्ती करने का मन बना चुकी है। जिसके चलते माना जा रहा है कि इस बार परीक्षार्थियों की संख्या में फिर गिरावट आयेगी।

गौरतलब है कि यूपी बोर्ड स्टूडेंट को इस बार बड़ा झटका लगने जा रहा है। जो स्टूडेंट नकल की उम्मीद लगाए बैठे हैं, वे सावधान हो जाएं, क्योंकि योगी सरकार ने इस बार नकल रोकने के लिए नई व्यवस्था की है। इसके तहत अब परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी कैमरा ही नहीं, बल्कि वॉयस रिकार्डिंग सिस्टम को भी अनिवार्य किया गया है।

दरअसल यूपी बोर्ड परीक्षाओं में अभी तक परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी कैमरे होते थे, इसके बावजूद भी नकल की शिकायतें मिलती थीं। कारण था, कि बोलकर नकल करा दी जाती थी, लेकिन इस बार सरकार ने परीक्षा कक्ष में वॉयस रिकार्डिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया है, जिसके बाद अब कक्षा में बोलकर भी नकल नहीं कराई जा सकेगी।

जाहिर सी बात है कि इससे नकल माफियाओं को तो झटका लगा ही है, साथ ही नकल की उम्मीद लगाए बैठे नकलचियों की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड छात्रों के पंजीकरण का सत्यापन कार्य पूरा हो चुका है। इस बार आगरा से हाई स्कूल के करीब 66 हजार और इंटरमीडिएट के करीब 61 हजार परीक्षार्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। इसके साथ ही स्कूलों की ऑनलाइन फीडिंग चल रही है। 791 में से अभी तक 390 स्कूलों की ऑनलाइन फीडिंग हो पाई है।

ज्ञात हो कि यूपी बोर्ड की परीक्षाओं की अगर बात करें तो एक आंकड़े के मुताबिक यूपी में प्रतिवर्ष नकल का हजारों करोड़ों रुपए का कारोबार होता है। यूपी में कल्याण सिंह के शासन को नकल पर लगाम लगाने के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार योगी सरकार में नकल माफियाओं पर लगाम लगाने के कारण बोर्ड की परीक्षा राज्य भर में चर्चा में है।

 

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