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हनीट्रैप में फंस ग्रुप कैप्टन ने ISI को लीक किए सीक्रेट डॉक्यूमेन्ट्स्

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नई दिल्ली। महिलाओं की अंतरंग दोस्ती की चाह ने देश की वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन को ISI के हनीट्रैप का शिकार बना दिया और उक्त ग्रुप कैप्टन को खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए ग्रुप कैप्टन का नाम अरुण मारवाह है। हनीट्रैप में फंसने वाला मारवाह फेसबुक पर दो महिलाओं के संपर्क में आया। वे महिलाएं आईएसआई की एजेंट्स थी। अरुण ने वॉट्सएप के जरिए वायुसेना की कई अहम जानकारियों को उन महिलाओं के साथ शेयर किया। इतना ही नहीं वे एयरफोर्स हेडक्वार्टर में अपना फोन लेकर जाते थे, जो कि अनधिकृत फोन था।

उल्लेखनीय है कि एयरफोर्स के अधिकारियों को विशेष फोन दिए जाते हैं क्योंकि उन्हें बाहर के सामान्य फोन इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होती है। अरुण इसी फोन से सारी जानकारी इकट्ठी करते थे और उन महिलाओं को देते थे। ग्रुप कैप्टन को 5 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है। अरुण मारवाह का बेटा भी एयरफोर्स में है।
मारवाह ने पूछताछ में बताया कि वह दिसंबर में त्रिवेंद्रम गया था, वहां एयरफोर्स के एक पुराने कर्मी के जरिए उसके फेसबुक मेसेंजर पर एक किरण रंधावा नाम की एक आईडी से उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट आई, धीरे-धीरे उससे बातचीत शुरू हो गई। कई वीडियो और फोटो भी दोनों ने एक-दूसरे के साथ शेयर किए। अपने जजाल में फंसाने के लिए लड़की ने उसे कई अश्लील मैसेज भी भेजे। तभी उन्होंने कुछ गोपनीय दस्तावेज मेसेंजर पर ही किरण को भेजे। उन्हें महिमा नाम की आईडी से भी रिक्वेस्ट आई। उसके साथ भी उन्होंने दस्तावेज शेयर किए।
हालांकि अरुण ने बताया कि वे उन महिलाओं से कभी मिले नहीं हैं और न ही उन दस्तावेजों की एवज में कोई पैसे लिए। हालांकि स्पष्ट नहीं है कि वो एजेंट लड़की है या उसने लड़की बनकर बात की। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है कि मारवाह ने कौन-कौन से दस्तावेज ISI एजेंट को मुहैया करवाए हैं। दरअसल अरुण वायुसेना मुख्यालय में तैनात था और आसंका जताई जा रह है कि कई महत्वपूर्ण डाटा लीक हुआ होगा। हनीट्रैप की पुष्टि होने के बाद ही  दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मारवाह को गिरफ्तार किया है।

हनीट्रैप में फंसा कर सैन्य अधिकारियों की जासूसी की जाती है और फिर उन्हें खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए एजेंट किसी खूबसूरत लड़की की फोटो का सहारा लेते हैं या कई बार तो लड़कियों को ही इसमें इस्तेमाल किया जाता है। लड़कियां पहले मैसेज करके ऑफिसर को अपने जाल में फंसाती है और फिर धीरे-धीरे उनसे सारे राज उगलवाए जाते हैं। इसलिए सेना में कुछ नियम बनाए जाते हैं। सेना के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के लिए एक सख्त संहिता है। इसके तहत सैनिकों को अपनी पहचान, पद, तैनाती और अन्य पेशेवर विवरण साझा करने पर पाबंदी है। इतना ही नहीं उन्हें वर्दी में अपनी तस्वीर भी लगाने पर पाबंदी होती है।

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