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सरकार ने टेस्ला से कहा- चीन में बनी कारें भारत में न बेचें, यहीं प्रॉडक्शन करें और विदेश भी भेजें, सरकार देगी सहायता

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नई दिल्ली. सरकार भारत में इलेक्ट्रिक कारें बनाने के लिए टेस्ला से कई बार कह चुकी है. इसके लिए कंपनी को हरसंभव सरकारी मदद देने का भरोसा भी दिया गया है. यह बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में कही. इस मौके पर गडकरी ने यह भी कहा कि टाटा की इलेक्ट्रिक गाडिय़ां टेस्ला की गाडिय़ों से कम नहीं हैं.

चीन में बनी इलेक्ट्रिक गाडिय़ां भारत में न बेचे

गडकरी ने कहा, मैंने टेस्ला से कहा है कि वह चीन में बनी इलेक्ट्रिक गाडिय़ां भारत में न बेचे. उसे अपनी गाडिय़ां भारत में बनानी चाहिए और उन्हें यहीं से एक्सपोर्ट करना चाहिए. आपको (टेस्ला) जो भी मदद चाहिए, हमारी सरकार मुहैया कराएगी. टेस्ला ने इंडिया में इलेक्ट्रिक गाडिय़ों पर लगने वाले इंपोर्ट टैक्स के रेट में कमी करने की मांग की है.

इंपोर्टेड गाडिय़ों पर 60 से 100 पर्सेंट तक का टैक्स

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि टैक्स में छूट की मांग को लेकर टेस्ला के अधिकारियों से उनकी बात चल रही है. पिछले महीने भारी उद्योग मंत्रालय ने भी टेस्ला से कहा था कि वह पहले भारत में अपनी इलेक्ट्रिक गाडिय़ां बनाना शुरू करे. उसे टैक्स में रियायत देने पर विचार उसके बाद ही किया जाएगा. अभी इंपोर्टेड गाडिय़ों पर 60 से 100 पर्सेंट तक का टैक्स लगता है.

110त्न का टैक्स इलेक्ट्रिक गाडिय़ों के लिए नुकसानदेह

सड़क मंत्रालय को लिखे पत्र में टेस्ला ने कहा है कि 40,000 डॉलर से महंगी गाडिय़ों पर 110त्न (100 फीसदी इंपोर्ट डयूटी और 10 फीसदी का सोशल वेल्फेयर सरचार्ज) का टैक्स लगना जीरो एमिशन गाडिय़ों के लिए नुकसानदेह है. उसने सरकार से अनुरोध किया है कि इलेक्ट्रिक गाडिय़ों (इंपोर्ट प्राइस कितना भी हो) के इंपोर्ट पर 10 फीसदी के सोशल वेल्फेयर सरचार्ज बिना अधिकतम 40त्न का टैक्स लगाया जाए.

सेल्स, सर्विस और चार्जिंग इंफ्रा पर निवेश का वादा

टेस्ला का कहना है कि इस तरह के बदलाव किए जाने से देश में इलेक्ट्रिक गाडिय़ों के इकोसिस्टम के डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा. कंपनी ने कहा है कि वह भारत में सेल्स, सर्विस और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश करेगी. टेस्ला ने यह भी कहा है कि वह अपने ग्लोबल बिजनेस के लिए भारत से सामान की खरीदारी में भारी बढ़ोतरी करेगी.

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