लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी में विधानभवन के तिलक हॉल में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्रियों की बैठक का उद्घाटन कर एक तरह से मदरसों को लेकर चल रहे बवंडर पर विराम लगाते हुए अपने संबोधन में कहा कि मदरसों को बंद करना कोई हल नहीं बल्कि उनका आधुनिकीकरण होना चाहिए जिसके लिए मदरसों को कम्प्यूटर से जोड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि जब हम अल्पसंख्यक कल्याण की बात करते है तो हमारे सामने बहुत सारे सवाल खड़े होते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय पर बेहद अहम जिम्मेदारी है। अगर हमारे शरीर का कोई अंग काम करना बंद करता है तो हमें दिव्यांग कहा जाता है। अगर समाज में किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव होता है तो वो अपने आपको उपेक्षित महसूस करता है।
उन्होंने कहा कि मुख्तार अब्बास नकवी के मंत्री बनने के बाद और यूपी में उनके आगमन के बाद यहां अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आई है। उनके सरकार के 9 महीने के कार्यकाल में ही 100 से अधिक कार्ययोजनाओं की शुरुआत अल्पसंख्यकों के लिए की गई है। राशन कार्डों का सत्यापन कराया गया और 37 लाख राशन कार्ड दिया है। बिना भेदभाव के सभी वर्ग के लिए काम किया गया।
योगी ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के लिए प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मदरसों को बंद करना कोई हल नहीं। मदरसों का आधुनिकीकरण होना चाहिए। संस्कृत विद्यालयों को भी यही करना चाहिए। मदरसों को कम्प्यूटर से जोड़ना होगा।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ में गुरुवार को 9 राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्रियों की बैठक का आयोजन किया गया। विधानभवन के तिलक हाल में आयोजित बैठक का उद्घाटन सीएम योगी ने किया, जिसकी अध्यक्षता केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने की।
इस बैठक में यूपी के अलावा उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार, दिल्ली, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, चंडीगढ़ तथा हिमाचल प्रदेश से समाज कल्याण एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री तथा इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारीगण ने भाग लिया। बैठक में उत्तर भारत के राज्यों में केन्द्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं, उनकी प्रगति तथा उनके विकास की भावी दशा एवं दिशा पर चर्चा की।
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