नई दिल्ली। देश का आम बजट एक फरवरी को पेश होगा। जिसको लेकर वित्त विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है। हालांकि बजट को लेकर तरह तरह के अनुमान लगायें जा रहे हैं। वहीं इस बार के बजट में केंद्र सरकार की तरफ से कॉर्पोरेट टैक्स घटाये जाने के संकेत मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में सरकार ने यह आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि उसने मौजूदा वित्त वर्ष के 9.5 महीने में बीते साल के मुकाबले में 19 फीसदी अधिक टैक्स जुटा लिया है। जिससे संकेत है कि ऐसे में सरकार कॉर्पोरेट टैक्स घटा सकती है।
इसी के साथ सरकार आम बजट में इनकम टैक्स में छूट देने के लिए टैक्स स्लेब को बढ़ा सकती है। अभी ढाई लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। वहीं ढाई लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स देना पड़ता है।
संभवतः सरकार टैक्स फ्री इनकम को बढ़कार 3 लाख रुपए कर सकती है। इसके अलावा 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर अभी 20 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। सरकार इसे 10 फीसदी करने पर विचार कर रही है।
अभी जब कि 10 लाख रुपए से ज्यादा कमाने वालों को 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। वहीं ऐसा हो सकता है कि सरकार 10 लाख रुपए से लेकर 20 लाख रुपए तक का एक नया स्लैब बना दे, और इसपर 20 फीसदी का टैक्स लगाए। इससे आम लोगों को बहुत फायदा होगा। अगर ऐसा हुआ तो 30 फीसदी के स्लैब में सिर्फ 20 लाख रुपए से ज्यादा की सालाना कमाई वाले लोग ही रह जाएंगे।
बता दें कि उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ने वित्त मंत्रालय को बजट से पहले एक ज्ञापन भेजा है। सरकार को कंपनी कर की दर को 2 साल पहले के बजट में किये गये अपने वादे के मुताबिक 25 प्रतिशत कर देना चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ उन्होंने महंगाई और आम दिनचर्या के बढ़ते खर्च को देखते हुए सरकार को न केवल व्यक्तिगत कर सीमा को बढ़ाने बल्कि चिकित्सा खर्च की कर छूट सीमा को मौजूदा 15,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए साला करने की मांग भी की है।
यदि सरकार को कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का फैसला लेना पड़ता है तो उसका जोर उन लोगों पर बढ़ेगा, जो अब तक टैक्स देने से बचते रहे हैं। यहां तक कि टैक्स कलेक्शन के मामले में दूसरे नंबर पर होने के बाद भी डायरेक्ट टैक्स में उम्मीदों के मुताबिक इजाफा नहीं हुआ है। हालांकि यह सरकार के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
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